| 11. | ग्रसनी के पेशियां संकुचित होकर ग्रास को नीचे ग्रासनली में पहुंचा देती है।
|
| 12. | ग्रासनली, ग्रसनी से जुड़ी तथा नीचे आमाशय में खुलने वाली नली होती है।
|
| 13. | इस बिंदु पर स्वरयंत्रग्रसनी (laryngopharynx) ग्रासनली के साथ चलती है.
|
| 14. | ग्रासनली, ग्रसनी से जुड़ी तथा नीचे आमाशय में खुलने वाली नली होती है।
|
| 15. | क्रमांकुचन ग्रासनली की भित्ति के फैलने से भी प्रतिवर्ती रूप से पैदा होती है।
|
| 16. | अग्रांत में एक सकरी ग्रासनली होती है, एक थैली के आकार का अन्नग्रह (क्रॉप,
|
| 17. | चबाया हुआ भोजन मुख के बाद ग्रसनी से होता हुआ ग्रासनली तक जाता है।
|
| 18. | इस उपचार विधि का उद्देश्य ग्रासनली को अम्ल से होने वाली क्षति से बचाना है।
|
| 19. | का उत्सर्जन करती है, जो ग्रासनली में प्रवेश करते समय भोजन से मिल जाता है।
|
| 20. | ये ग्रासनली के सूजन (ग्रासनलीशोथ) से जुड़ा है और इसलिए कभी-कभी जैसे-तैसे सहे जाते हैं;
|