अम्लान्न धीरे-धीरे जठरनिर्गम संकोची के माध्यम से गुजरता है और ग्रहणी में पहुंचता है, जहां पोषक तत्वों की निकासी शुरू होती है.
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अम्लान्न धीरे-धीरे जठरनिर्गम संकोची के माध्यम से गुजरता है और ग्रहणी में पहुंचता है, जहां पोषक तत्वों की निकासी शुरू होती है.
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घ) ग्रहणी, जहां भोजन पेट में वाल्व का एक प्रकार है कि दो जठरनिर्गम बुलाया निकायों को अलग से, छोड़ने के बाद आता है.
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खाली होने पर सारा आमाशय, और विशेषकर यह भाग, एक नली के समान दिखाई देता है, किंतु आहार से भर जाने पर आमाशय विस्तार करके सेब के आकार का हो जाता है और जठरनिर्गम भी चौड़ा हो जाता है।
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और, के बाद से जठरनिर्गम (“वाल्व” है कि भोजन के ही मापा मात्रा आंत में पेट से पारित करने के लिए अनुमति देता है) गैस्ट्रिक आस्तीन सर्जरी के, “डंपिंग” कई गैस्ट्रिक बाईपास रोगियों द्वारा अनुभव की समस्या के दौरान बनाए रखा है और अनिवार्य रूप से