| 1. | आमाशय के जठरनिर्गम के दूसरी ओर से क्षुदांत्र (
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| 2. | और जठरनिर्गम क्षेत्र में आरंभ है.
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| 3. | आमाशय का ग्रहणी में निकास जठरनिर्गम अवरोधिनी द्वारा नियंत्रित होता है।
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| 4. | आमाशय का ग्रहणी में निकास जठरनिर्गम अवरोधिनी द्वारा नियंत्रित होता है।
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| 5. | आमाशय के ऊपरी जठर द्वार से जठरनिर्गम तक जानेवाला किनारा नतोदर (
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| 6. | आमाशय का दूसरा सिरा नलिका के समान हो गया है, जो जठरनिर्गम (
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| 7. | यह औषधि जठरनिर्गम (पीलोरस) से सम्बंधित लक्षण को दूर करती है।
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| 8. | आगे बढ़ना जठरनिर्गम दबानेवाला यंत्र को काटने से ऊपरी छोटी आंत से पेट अलग.
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| 9. | जठरनिर्गम (पाइलोरस) के पास के भाग में रोग होने से पक्वाशय के व्रण (डुओडेनल अलसर) के समान लक्षण हो सकते हैं।
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| 10. | जठरनिर्गम (पाइलोरस) के पास के भाग में रोग होने से पक्वाशय के व्रण (डुओडेनल अलसर) के समान लक्षण हो सकते हैं।
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