बीज ३ सेंओ मीओ से अधिक गहराई पर नहीं गिरना चाहिए. बोने सेपहले बीज में डाइथेन एम-४५ (एक किलो बीज में २ ग्राम दवा) नामक फफूंदी नाशक दवामिला लेनी चाहिए.
12.
इसकी रोकथाम के लिए मैन्कोजैब डाइथेन एम-45 (इंडोफिल एम-45) के 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें व दूसरा छिड़काव 15 दिन के अन्तर पर करें ।
13.
कालर सडन / शुष्क जड़ सड़न बीज को 5 ग्राम थाइरम अथवा 3 ग्राम डाइथेन एम-45 या 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम प्रति किलो ग्राम बीज दर से उपचार करना चाहिए।
14.
2-3 दिन की सुरक्षित अवधि के भीतर 0. 2 प्रतिशत स् ट्रेप् टोमायसिन अथवा डाइथेन एम-45 (मैंकोजब 75 प्रतिश डब् ल् यूपी) भी स् प्रे करें।
15.
किसी फफूंदीनाशक जैसे डाइथेन जैड-78 या जिंक मैगनीज कार्बामेट (मैन्कोजेब) 2 किग्रा को 800-1000 लिटर पानी में घोलकर (0.2 प्रतिशत सान्द्रता वाला घोल) प्रति हैक्टेयर 2-3 छिडकाव 10-12 दिन के अन्तर पर करें।
16.
कालर सड़न या शुष्क जड़ सड़न से बचाने के लिए बीज को 5 ग्राम थाइरम अथवा 3 ग्राम डाइथेन एम-45 या दो ग्राम बैक्स्टीन प्रति किलो ग्राम बीज की दर से उपचार करना चाहिए ।
17.
कॉपर आक्सीक्लोराइड की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें और डाइथेन एम-45 की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी के हिसाब से 10 से 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें।
18.
प्रश्न-अमरूद की डालियों की छाल फटने से पेड़ के सूखने से बचाव उत्तर-बाविस्टीन, डाइथेन एम-45 दवा के मिश्रण की 300 से 400 ग्राम मात्रा व बोरेक्स 600 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
19.
(२) गेरूई या रतुआ-यह फफूँद से लगता है पौधे के सभी वायुवीय भागों पर फफोले दिखाई देते हैं इनका रंग कुछ पीला-भूरा होता है धब्बे बिखरे रहते हैं व बाद में काले-भूरे हो जाते हैं इसकी रोकथाम के लिये ०.२ प्रतिशत डाइथेन एम-४५ के घोल का छिङकाव करें
20.
बीजो को बुवाई से पहले बीजो को 2 ग्राम एवं थीरम 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम के मिश्रण से प्रति किलो ग्राम बीज को उपचारित करने के पश्चात बुवाई करनी चाहिएI जब पौधे एक सप्ताह के लगभग हो जाए तब डाइथेन एम् 45 या वैविसटीन 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिएI