| 1. | 0. 2 प्रतिशत डाइथेन का फसल पर छिड़काव करें।
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| 2. | 45 या डाइथेन जेड 78 या ब्लाइसक्स 2 ग्रा म.
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| 3. | इस रोग को " डाइथेन एम-४५" के ०. ३ प्रतिशत घोल के छिड़काव से रोका जासकता है.
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| 4. | ज्वारः-ज्वार की पत्तियों के धब्बा रोग की रोकथाम के लिए डाइथेन जैड-७८ नामकदवा का दो-तीन बार छिड़काव करें.
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| 5. | इन क्षेत्रों में पीला रतुआ दिखाई देने पर रोकथाम के लिए मैन्कोजेब (डाइथेन एम-45 की 0.2 % या टिलट 0.
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| 6. | इन क्षेत्रों में पीला रतुआ दिखाई देने पर रोकथाम के लिए मैन्कोजेब (डाइथेन एम-45 की 0.2 % या टिलट 0.
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| 7. | उत्तर-इसके नियंत्रण के लिए मिथाइल पैराथियान 500 मिली. व डाइथेन एम-45 दवा की 500 ग्राम प्रति 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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| 8. | इस रोग को डाइथेन एम-४५ के (०. २ प्रतिशत सक्रिय तत्व) केघोल को १० दिनों के अंतर पर दो से तीन छिड़काव द्वारा रोका जा सकता है.
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| 9. | (३) रोगग्रस्त फसलों के अवशेषों को नष्ट कर दें. (४) डाइथेन एमओ-४५ का छिड़काव २ किलोग्राम प्रति हैक्टर की दर से १०-१५ दिनोंके अन्तर पर ३-४ बार करें.
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| 10. | पौधों पर मेटासिस्टाक्स / थायोडान / 2-2.5 मिली / लिटर पानी तथा डाइथेन एम-45 ग्रॉम / 2-2.5 लि पानी का छिडकाव करें ।
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