नाना प्रकार की खुशबूदार जड़ी-बूटियों, जामुनों और नागदौन के सम्मिश्रण का जिसे ग्रूईट कहते हैं का उपयोग किया जाता था जिस प्रकार हॉप्स का आजकल प्रयोग किया जाता है.
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एक अध्ययन के मुताबिक़ शतावरी (अस-पै-रागस, नागदौन या शतावर), लहसुन तथा आरटी-चोक्स (आटी-चोक, हाथी-चक या वज्रांगी) युक्त खुराक का नियमित सेवन एक तरफ मोटापे से दूसरी तरफ जीवन शैली रोग मधुमेह से भी राहत दिलवा सकता है.