सप्तम कालरात्रि (नागदौन)-दुर्गा का सप्तम रूप कालरात्रि है जिसे महायोगिनी, महायोगीश्वरी कहा गया है।
6.
चिरायता, जो कड़वा नागदौन के रूप में जाना जाता है जड़ी बूटी के लिए वानस्पतिक नाम से उसका नाम लेता है.
7.
नागदौन के पत्ते आकार में पतले, सूखे और तलवार के जैसे दोनों ओर से धार वाले परन्तु बीच में मुड़े हुए होते हैं।
8.
स्वरूप: नागदौन का पौधा ग्वारपाठे के समान होता हैं, लेकिन ग्वारपाठे के पत्ते चिकने, मोटे व दोनों धारों में कांटे से युक्त होता है।
9.
नाना प्रकार की खुशबूदार जड़ी-बूटियों, जामुनों और नागदौन के सम्मिश्रण का जिसे ग्रूईट कहते हैं का उपयोग किया जाता था जिस प्रकार हॉप्स का आजकल प्रयोग किया जाता है.
10.
एबसिन्थे नागदौन के स्वाद के साथ 70ः अल्काॅहल युक्त एक शक्तिषाली मिश्रण है जिसका प्रयोग 19वीं व 20वीं सदी के समय जीएसयूरोप में बहुत अधिक मात्रा में किया जाता था।