| 11. | बोलतु असे ॥ ३२२ ॥ म्हणे पार्था तुझी नवाई ।
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| 12. | जीवांसि जें ॥ १७६ ॥ पार्था तें गा तम ।
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| 13. | जो गोसावी हो म्हणे पार्था ।
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| 14. | तया आरौतें? ॥ २२५ ॥ तैसा जंव पार्था ।
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| 15. | तेवींचि हें ॥ २८७ ॥ तरी पार्था जैं ऐसें ।
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| 16. | पात्र होती ॥ ७४ ॥ म्हणौनि येर ते पार्था ।
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| 17. | घेती जे पैं ॥ २३३ ॥ पार्था गा जगीं ।
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| 18. | मी तूं जगीं ॥ २८१ ॥ पार्था तें वस्तु पहिलें ।
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| 19. | जे दशा गा ॥ ५०६ ॥ पार्था जागणें तरी बुडे ।
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| 20. | संकट से सबक: वित्तीय विनियमन और वैश्विक असंतुलन का भविष्य पार्था रे
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