| 1. | संसारतरु ॥ १७५ ॥ एर्हवीं ऊर्ध्वींचें पार्था ।
|
| 2. | चूडारत्न ॥ ४०० ॥ यया ब्रह्मत्वासीचि पार्था ।
|
| 3. | उंचावे पैं ॥ २०६ ॥ पार्था ऊर्ध्वींचिया ब्रह्मादि ।
|
| 4. | जाणावें गा ॥ ३८२ ॥ पार्था सोनयाची टिका ।
|
| 5. | होआवी लागे ॥ ३७२ ॥ तरी पार्था परियेसा ।
|
| 6. | आपण जाहला ॥ २१३ ॥ मग याहीवरी पार्था ।
|
| 7. | जन्मलासी ॥ २६९ ॥ म्हणौनि पार्था तूं या ।
|
| 8. | पावावया तत्त्व ॥ १०४ ॥ पार्था गा स्वाध्यावो ।
|
| 9. | चतुर्भुज जें ॥ ६३० ॥ तरि अझुनिवरी पार्था ।
|
| 10. | ऐसें जन्म पार्था गा जे ।
|