पुनर्विलोकनकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि न्यायालय की इस टिप्पणी से पुनर्विलोकनकर्ता के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है क्योकि पुनर्विलोकनकर्ता / अपीलार्थी द्वारा पंजीकृत बयनामें से महेन्द्र सिंह व नरेन्द्र सिंह से 1 नाली 7 मुट्ठी भूमि क्रय की गयी थी जिसका राजस्व अभिलेखों में अमल दरामद की गयी है जिस पर कोई आपत्ति भी उत्तरदाता/वादी द्वारा नहीं की गयी है इसलिए टिप्पणी को निर्णय से हटा दिया जाए।
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पुनर्विलोकनकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि न्यायालय की इस टिप्पणी से पुनर्विलोकनकर्ता के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है क्योकि पुनर्विलोकनकर्ता / अपीलार्थी द्वारा पंजीकृत बयनामें से महेन्द्र सिंह व नरेन्द्र सिंह से 1 नाली 7 मुट्ठी भूमि क्रय की गयी थी जिसका राजस्व अभिलेखों में अमल दरामद की गयी है जिस पर कोई आपत्ति भी उत्तरदाता/वादी द्वारा नहीं की गयी है इसलिए टिप्पणी को निर्णय से हटा दिया जाए।
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निर्णय के अनुसार खेत नम्बर-2453, 2455,2467 के मालिक गोबिन्द सिंह, कुण्डल सिंह, राम सिंह, राजेन्द्र सिंह, पान सिंह, नरेन्द्र सिंह संयुक्त रूप से मालिक है उनका कोई बटवारा अभी तक नहीं हुआ है उक्त खेतों का रक्वा 2 नाली 1 मुटठी कुल 33 मुट्ठी है जब कि महेन्द्र सिंह व नरेन्द्र सिंह द्वारा 1 नाली 7 मुट्ठी भूमि पुनर्विलोकनकर्ता को विक्रय की गयी है ऐसी स्थिति में न्यायालय का यह मत अभिलेखों के अनुरूप सही है कि उपरोक्त खेत नम्बरान में अपने हिस्से से अधिक भूमि महेन्द्र सिंह व नरेन्द्र सिंह द्वारा विक्रय की गयी है।