अपनी नासिका का जो स्वर चल रहा है, उसी हाथ पर थोड़ी-सी भस्म रखकर दूसरे हाथ से उसे अभिमन्त्रित करता चले और बीच में ‘ हूं ' बीजमन्त्र का सम्पुट लगावे तथा रक्तवर्ण अश्वारूढ़ा गायत्री का ध्यान करता हुआ उस भस्म को विषैले कीड़े के काटे हुए स्थान पर दो-चार मिनट मसले।
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एक दुखी ‘ भक्त ' ने मीडियादरबार को बताया, “ वैसे तो के. कुमार अपने प्रचार में निशुल्क बीजमन्त्र (उसमें भी मंत्र-पाठ की किट करीब 700 रुपए में बेची जाती है) के पाठ के बहाने लोगों को बुलाते हैं, लेकिन वहां विशेष कृपा प्राप्त करने का लालच देकर ग्राहक फंसाते हैं।