स्त्री-चरणों के नुपूर, पायल, पैजनी तथा तोडल, मध्य भाग के कटिबंध, मणि झालर तथा स्वर्णपटि्टका, वक्ष की दो लड़ी से सात लड़ी तक की मणिमाला, वैजयंतीमाला, मोहनमाला, हार विदानी और बीजक पूरक, हाथों के स्वर्ण वलय, मणिकंठान, भुजबंध, गजरा, बधमुंहा, चूड़ा बंगरी तथा बबूल फली, बोहटा आदि माथे की बिंदिया, दामिनी, शीश फूल और सिर की पुष्पमाला, पुष्पमुकुट, जटामुकुट, मुक्तादाम तथा स्वर्ण शृंखलाओं का अंकन भी कुशलता के साथ किया गया है।