फिर भी यह स्पष्टत: कहा जा सकता है कि लोगों का विश्वास वृक्षों, चट्टानों, नदियों आदि से संबंधित देवताओं में था और कम से कम एक विशिष्ट सर्पदेवी की मातृपूजा वे अवश्य करते थे।
12.
यह निर्णय लेना इसलिए कठिन है क्योंकि राधा जाति वाचक है और पूरी जाति की पूजा मातृपूजा का कोई उदाहरण अभी तक नहीं पाया गया है और साथ ही राधा के साथ कहीं भी मातृ भाव का कोई भी अवशेष नहीं पाया जाता है।
13.
(1968) का निरूपा राय और महेश कोठारे पर फिल्माया 'तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है, प्यारी-प्यारी है, ओ मां' और 'छोटा भाई' (1966) फिल्म में नूतन और महेश कोठारे पर फिल्माया गया गीत 'मां मुझे अपने आंचल में छुपा ले, गले से लगा ले' जैसे लता मंगेशकर के गाए गीत बहुत खूबसूरत हैं, लेकिन अंतत: ये भी भावुकता या मातृपूजा से ऊपर नहीं उठ सके हैं।
14.
सोहनलाल द्विवेदी की भैरवी राणाप्रताप के प्रति, आजादी के फूलों पर जय-जय, तैयार रहो, बढ़े चलो बढ़े चलो, विप्लव गीत कवितायें, पूजा गीत संग्रह की मातृपूजा, युग की पुकार, देश के जागरण गान कवितायें तथा वासवदत्ता, कुणाल, युगधारा काब्य संग्रहों में स्वतन्त्रता के आह्वान व देशप्रेम साधना के बीच आशा और निराशा के जो स्वर फूटे है उन सबके तल में प्रेम की अविरल का स्रोत बहाता कवि वन्दनी माँ को नहीं भूल सका है ।