इनका मुखांग पौधों के कोमल भागों को छिन्न भिन्न करने और उनके रसको चूसने के अनुकूल बना होता है।
12.
काठ में सुरंग बनानेवाले डिंभ बहुत साधारणत: मांसल होते हैं, इनके मुखांग मजबूत होते हैं और शिर वक्ष में धँसा रहता है।
13.
माहूॅ कीट पंखविहीन अथवा पंखयुक्त हल्के स्लेटी या हरे रंग के 1. 5 से 3 मि 0 मी 0 लम्बे चुभाने, चूसने मुखांग वाले छोटे कीट होते हैं।
14.
कहने की जरूरत नहीं कि पक्षियों के मुखांग मनु्ष्य के मुखांगों से अधिकतम भिन्न होते हैं, फिर भी पक्षी ही एक मात्र जीव हैं जो बोलना सीख लेते हैं।
15.
यह जल की लहरें खाद्य पदार्थ के जल में तैरते हुए टुकड़े मुँह तक ले आती हैं और खाद्य पदार्थ या तो मुँह में चला जाता हैं या उसे मुखांग पकड़ लेते हैं।
16.
यह जल की लहरें खाद्य पदार्थ के जल में तैरते हुए टुकड़े मुँह तक ले आती हैं और खाद्य पदार्थ या तो मुँह में चला जाता हैं या उसे मुखांग पकड़ लेते हैं।
17.
० मिमी. लम्बे चुबहने एवं चूसने मुखांग छोटे कीट होते है इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनो, पत्तियों, फूलो, एवं नईफलियों से रस चूसकर उसे कमजोर क्षतिग्रस्त करते ही है | साथ ही साथ रस चूसते है इस समय पत्तियों पर मधुस्राव भी करते है इस मधुस्राव पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश शंश्लेषण की किर्या बाधित हो जाती है | इस कीट का प्रकोप दिसंबर-जनवरी से लेकर मार्च तक बना रहता है |