| 1. | अविकसित मुखांग होने के कारण ये बालिग नर कुछ खा-पी नही सकते।
|
| 2. | इसके मुखांग विकसित नहीं होते. अत: यह भोजन नहीं करता है.
|
| 3. | के कीट अपने मुखांग द्वारा पौधों या बीजों में छेद कर उनमें अंडे देते हैं।
|
| 4. | इन किसानों ने बताया की इस भुंड के मुखांग कुतर कर चबाने वाले होते हैं।
|
| 5. | पूर्ण रूपांतरित तथा हन्विकायुक्त मुखांग वाले कीटों में मुख्यत: छेद करने की आदत होती है।
|
| 6. | पूर्ण रूपांतरित तथा हन्विकायुक्त मुखांग वाले कीटों में मुख्यत: छेद करने की आदत होती है।
|
| 7. | अश्व मक्खी (हॉर्स फ्लाई) और अस्तबल मक्खियों (स्टेबल फ्लाई) का मुखांग बहुत ही तीक्ष्ण होता है।
|
| 8. | अश्व मक्खी (हॉर्स फ्लाई) और अस्तबल मक्खियों (स्टेबल फ्लाई) का मुखांग बहुत ही तीक्ष्ण होता है।
|
| 9. | इस कीट के प्रौढों के मुखांग साइफनाकार होते हैं, इसलिए ये पौधों को हानि नहीं पहुँचाते।
|
| 10. | इस कीट की फसल को हानि पहुँचाने वाली अवस्था सुण्डी होती है जिसके मुखांग काटने, चबाने वाले होते हैं।
|