नेपथ्य से रंगपीठ में आने जाने के लिए किनारों पर दो दरवाजे होते थे, जिनमें संभवत: किवाड़े नहीं लगा करते थे।
12.
मंच पर रंगपीठ, रंगशीर्ष, नेपथ्य, मत्तवारिणी, यवनिका तिरस्करणी आदि की व्यवस्था एक पूरी प्रस्तुति परिकल्पना को, सौन्दर्य बोध को व्यंजित करती है।
13.
मंच पर रंगपीठ, रंगशीर्ष, नेपथ्य, मत्तवारिणी, यवनिका तिरस्करणी आदि की व्यवस्था एक पूरी प्रस्तुति परिकल्पना को, सौन्दर्य बोध को व्यंजित करती है।
14.
नेपथ्य से रंगपीठ में आने जाने के लिए किनारों पर दो दरवाज़े होते थे, जिनमें संभवत: किवाड़े नहीं लगा करते थे।
15.
धरती से लगभग डेढ़ फुट ऊँचे रंगपीठ पर दृश्य के अनुसार कुर्सी आदि लगा ली जाती है किंतु पीछे की पृष्ठपीठिका का प्रयोग नहीं होता।
16.
मत्तवारिणी की संरचना, रंगमंच का क्षेत्र, उसमें अभिनय का क्षेत्र, रंगशीर्ष, रंगपीठ को ध्यान में रखकर हम कक्ष्या-विभाजन या रंगाकाश का विभाजन करते हैं.
17.
सन् 1949 में एक दृश्यात्मक रंगपीठ पर जो नाटक खेला गया उसमें त्रिपरिमाणीय दृश्य की भी अंशत: योजना थी जैसे “मीरा बाई” और “जय सोमनाथ” में।
18.
आठ हाथ का रंगपीठ और पहले बताई हुई नाप के अनुसार चौकोर समतल वेदिका से सजी हुई मथवारी बनाई जाए जिसके साथ चार खंभोंवाला समतल रंगपीठ बनाया जाए।
19.
आठ हाथ का रंगपीठ और पहले बताई हुई नाप के अनुसार चौकोर समतल वेदिका से सजी हुई मथवारी बनाई जाए जिसके साथ चार खंभोंवाला समतल रंगपीठ बनाया जाए।
20.
हम 1972 के रंगपीठ स्तर से बाहर आ गये थे-शताब्दि के गठन के पांच साल बाद ही ; और मेरे उस जीवन के बीस वर्ष बाद जब मैंने रंगमंच में कार्य करना आरंभ किया था।