रीमर बताते हैं कि उमर धार्मिक थे और कभी कभी ऐसे विचार व्यक्त करते थे जो सभी को पसंद नहीं होते थे. रीमर का कहना था, “ 2001 में जब कक्षा में तालेबान पर चर्चा हुई तो अधिकतर मुसलिम छात्रों का कहना था कि तालेबान बुरे हैं लेकिन उमर ने तालेबान का बचाव किया था. ”