ब्रिटिश स्कूल ऑफ लोम में इतिहास पढ़ाने वाले ब्रितानी शिक्षक माइकल रीमर कहते हैं कि उमर उन छात्रों में था जो किसी भी शिक्षक के लिए सपने जैसा होता है.
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उन्होंने जो कुल 15 पत्र लिखे, उसमें से 5 का कोई जवाब नहीं आया, 9 को अस्वीकृत कर दिया गया, और अंतिम वाले को राईटर हाउस के जोडी रीमर का सकारात्मक जवाब आया.
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रीमर बताते हैं कि उमर धार्मिक थे और कभी कभी ऐसे विचार व्यक्त करते थे जो सभी को पसंद नहीं होते थे. रीमर का कहना था, “ 2001 में जब कक्षा में तालेबान पर चर्चा हुई तो अधिकतर मुसलिम छात्रों का कहना था कि तालेबान बुरे हैं लेकिन उमर ने तालेबान का बचाव किया था. ”