| 11. | ये शरीरगुहा के रक्त में से उत्सर्जित पदार्थ अवशोषण कर पश्चांत्र में ले जाती है।
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| 12. | ये शरीरगुहा के रक्त में से उत्सर्जित पदार्थ अवशोषण कर पश्चांत्र में ले जाती है।
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| 13. | ये शरीरगुहा के रक्त में से उत्सर्जित पदार्थ अवशोषण कर पश्चांत्र में ले जाती है।
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| 14. | जब हृदय में संकोचन होता है तो ये कपाट रक्त को शरीरगुहा में नहीं जाने देते।
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| 15. | जब हृदय में संकोचन होता है तो ये कपाट रक्त को शरीरगुहा में नहीं जाने देते।
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| 16. | जब हृदय में संकोचन होता है तो ये कपाट रक्त को शरीरगुहा में नहीं जाने देते।
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| 17. | उस मध्यच्छदा के नीचेवाले शरीरगुहा के भाग का परितंत्रिक्य (पेरिन्यूरल, Perineural) विवर कहते है।
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| 18. | पृष्ठ मध्यच्छदा के ऊपर की ओर से शरीरगुहा के भाग को परिहृद (परिकार्डियल, Pericardial) विवर (साइनस, sinus) कहते हैं।
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| 19. | पृष्ठ मध्यच्छदा के ऊपर की ओर से शरीरगुहा के भाग को परिहृद (परिकार्डियल, Pericardial) विवर (साइनस, sinus) कहते हैं।
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