| 11. | छुई मुई बन गई अचानक चंचंल शोख़ हसीना
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| 12. | शोख़ नज़रें ये शरारत से न बाज़ आएंगी
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| 13. | तेरी सूरत, तेरी सीरत, शोख़ हँसी उलझे गेसू!
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| 14. | पहले उस शोख़ को गुमराह किया करते हैं
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| 15. | शोख़ लहरों की लिखी तहरीर है मेरी ग़ज़ल
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| 16. | उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में!
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| 17. | ये जंग और ये मेरे वतन के शोख़ जवाँ
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| 18. | कहूँ क्या शोख़, कमसिन सी नदी से-अंकित सफ़र
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| 19. | उश्शाक़ के दिल नाज़ुक, उस शोख़ की ख़ू नाज़ुक
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| 20. | देखिये लाती है उस शोख़ की नख़्*वत क्*या रन्*ग
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