| 1. | हो गये हम भी फ़िदा, उस शोख़ पर,
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| 2. | सभी को देख के वो शोख़ मुस्कुराता है
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| 3. | शिकवा-ए-शौक करे क्या कोई उस शोख़ से जो
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| 4. | उस शोख़ गुलबदन से लिपट कर फिसल पड़ा
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| 5. | नज़रों के शोख़ नज़ारे होंठों के गर्म पैमाने
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| 6. | उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
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| 7. | शोख़ कलियों पे जिन्होंने सदा फब्ती ही कसी
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| 8. | सभी को देख के वो शोख़ मुस्कुराता है
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| 9. | शोख़ आँखों के उजालों को लुटाऊं किस पर
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| 10. | पहले उस शोख़ को गुमराह किया करते हैं
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