धातुक्षय, स्वप्नदोष, पक्षाघात, पथरी, बहरा होना, तोतला होना, आँखों की दुर्बलता, गले के टान्सिल, श्वासनलिका का सूजन, क्षय, दमा, स्मरणशक्ति की दुर्बलता आदि रोग दूर होते हैं।
12.
शरीर के अंदर देखने के लिए भी अनेक यंत्र उपलब्ध हैं, यथा (1) आफथैल्मॉस्कोप (नेत्रपटल दर्शक), (2) क्रांकॉस्कोप (श्वासनलिका दर्शक), (3) लैरिंगॉस्कोप (कंठ और स्वरयत्र दार्शक), (4) ऑरोस्कोप (कर्णदर्शक), (5) गैस्ट्रॉस्कोप (आमाशय दर्शक), (6) सिस्टॉस्कोप (मूत्राशयदर्शक) (7) प्राक्टॉस्कोप (मलाशयदर्शक) आदि।