संगीत में स्वरग्राम तथा संनादी (हार्मोनी) और प्रतिबिंदु (काउंटरपाइंट) के सिद्धांत गणित पर ही आश्रित होते हैं।
12.
बेला के तार बहुत हल्के होते हैं, जिसके कारण बहुत ऊँचे तारत्ववाले संनादी स्वर उत्पन्न होते हैं।
13.
संगीत में स्वरग्राम तथा संनादी (हार्मोनी) और प्रतिबिंदु (काउंटरपाइंट) के सिद्धांत गणित पर ही आश्रित होते हैं।
14.
बेला के स्वरों की विशेषता का रहस्य इस बात में है कि उसे मूल स्वरों में बहुत से संनादी स्वर मिश्रित होते हैं।
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बेला के स्वरों की विशेषता का रहस्य इस बात में है कि उसे मूल स्वरों में बहुत से संनादी स्वर मिश्रित होते हैं।
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बेला के स्वरों की विशेषता का रहस्य इस बात में है कि उसे मूल स्वरों में बहुत से संनादी स्वर मिश्रित होते हैं।
17.
परंतु ताँत का न्यून लचीलापन इन संनादी स्वरों को शीघ्र ही मंद कर देता है, जिससे अंततोगत्वा ध्वनि की रुक्षता समाप्त हो जाती है।
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परंतु ताँत का न्यून लचीलापन इन संनादी स्वरों को शीघ्र ही मंद कर देता है, जिससे अंततोगत्वा ध्वनि की रुक्षता समाप्त हो जाती है।
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परंतु ताँत का न्यून लचीलापन इन संनादी स्वरों को शीघ्र ही मंद कर देता है, जिससे अंततोगत्वा ध्वनि की रुक्षता समाप्त हो जाती है।
20.
उपयुक्त आकार के क्रिस्टलों से या तो उनकी स्वाभाविक आवृत्ति, अथवा विषय संनादी (harmonics), उत्पन्न करके २व् १०४ से लेकर २व् १०८ तक की आवृत्तिवाली पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न की जाती है।