| 1. | इन संनादी स्वरों के कारण ध्वनि उजागर हो उठती है।
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| 2. | इन संनादी स्वरों के कारण ध्वनि उजागर हो उठती है।
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| 3. | इन संनादी स्वरों के कारण ध्वनि उजागर हो उठती है।
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| 4. | प्रत्येक स्वर मूल स्वर और संनादी स्वरों के मेल से बनता है।
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| 5. | प्रत्येक स्वर मूल स्वर और संनादी स्वरों के मेल से बनता है।
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| 6. | उपयुक्त आकार के क्रिस्टलों से या तो उनकी स्वाभाविक आवृत्ति, अथवा विषय संनादी (
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| 7. | संनादी अंतरामॉडुलन विरूपण बनाम अनेक परीक्षण संकेतों में से किसी का उपयोग करते हुए, एसपीएल (
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| 8. | संगीत में स्वरग्राम तथा संनादी (हार्मोनी) और प्रतिबिंदु (काउंटरपाइंट) के सिद्धांत गणित पर ही आश्रित होते हैं।
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| 9. | बेला के तार बहुत हल्के होते हैं, जिसके कारण बहुत ऊँचे तारत्ववाले संनादी स्वर उत्पन्न होते हैं।
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| 10. | बेला के तार बहुत हल्के होते हैं, जिसके कारण बहुत ऊँचे तारत्ववाले संनादी स्वर उत्पन्न होते हैं।
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