सपक्ष या विपक्ष रूप दृष्टान्त के अभाव में उस तरह के हेतु के साथ साध्यधर्म की व्याप्ति का निश्चय नहीं हो पाता है।
12.
आए दिन यह कालिख कभी प्रधानमंत्री, कभी गृहमंत्री, विपक्ष, सपक्ष और अपक्ष यानि देश के धन कुबेरों तक उड़ने लगी।
13.
रसोईधर सपक्ष है, जहाँ ही निश्चित उपस्थिति के साथ धूम की उपस्थिति विदित है, जहाँ अग्नि के साथ धूम की अनुपस्थिति निश्चित है।
14.
इसी कल्पना के आधार पर मिस्र में सूर्य की आदिकल्पना तथा मूर्तिविधान में सूर्य को सपक्ष आभामंडल (्ध्रत्दढ़ड्ढड्ड द्मद्वद ड्डत्द्मत्त्) के रूप में माना गया।
15.
तना प्राय: 75 से 125 सेंमी. ऊँचा, ऊपरी भाग चौपहल तथा सपक्ष, आधार की ओर गोल तथा वर्ण में पीताभ नीलारुण होता है।
16.
इरावती के लिए प्रसाद से कुछ पत्र तैयार किये थे जिनसे यह ज्ञात होता है कि मानवता के भावात्मक विकास की एक रूपरेखा इरावती के निर्माण के समय उनके सपक्ष थी।
17.
ये तीन विशेषताएँ हैं-अनुमेय या पक्ष (पर्वत) में निश्चित उपस्थिति; सपक्ष (महानस या रसोईघर) में ही उपस्थिति (सब सपक्षों में नहीं किंतु कुछ में); और असपक्ष या विपक्ष (सरोवर) में निश्चित अनुपस्थिति (समस्त विपक्षों में अनुपस्थिति)।
18.
उदाहरण-सपक्ष और विपक्ष दृष्टांतों द्वारा व्याप्ति का कथन करना, उदाहराण: जहाँ-जहाँ धुआँ होता हैं, वहाँ-वहाँ आग होती हैं, जैसे चूल्हे में, और जहा-जहाँ आग नहीं होती, वहाँ-वहाँ धुआँ भी नहीं होता, जैसे तालाब में।
19.
ये तीन विशेषताएँ हैं-अनुमेय या पक्ष (पर्वत) में निश्चित उपस्थिति; सपक्ष (महानस या रसोईघर) में ही उपस्थिति (सब सपक्षों में नहीं किंतु कुछ में); और असपक्ष या विपक्ष (सरोवर) में निश्चित अनुपस्थिति (समस्त विपक्षों में अनुपस्थिति)।
20.
जाड़ों में पत्रमोक्ष हो जाने पर नंगी शाखाओं पर सूक्ष्म हरित पुष्पों के गुच्छे निकलते हैं और ग्रीष्म में बहुत हलके, पतले चिपटे तथा सपक्ष वृत्ताकार फलों के गुच्छे बन जाते हैं, जो सूखने पर वायु द्वारा प्रसारित होते हैं।