| 11. | सावयव कल्पना है, मजमून की पूरी बंदिश है, पूरा चमत्कार या अनूठापन है।
|
| 12. | जाग्रत्, स्वप्न के अभिमानी विश्व, तैजस और विराट्, हिरष्यगर्भ ये सभी सावयव हैं।
|
| 13. | अवयवी का व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ होता है सावयव पदार्थं इसके तीन प्रकार कहे गये हैं-
|
| 14. | उपरान्त दूसरे रूप को प्राप्त होता हुआ पूरा सावयव जंतु हो जाता है उसी
|
| 15. | अस्तित्व द्वैत नहीं है ; वह एक सावयव इकाई (आर्गनिक होल) है।
|
| 16. | वह कल्पित परमाणु भी उनके मतानुसार निरवयव नहीं हो सकते, अपितु सावयव होते हैं।
|
| 17. | क्योंकि सावयव वस्तुको ही भिगोकर उसके अन्गोंको पृथक्-पृथक् कर देनेमें जलकी सामर्थ्य है.
|
| 18. | जोड़ खंडों के जोड़ से ज्यादा अगर हो तो सावयव, ‘ आर्गनिक यूनिटी ' पैदा हो जाती है।
|
| 19. | सावयव द्रव्य के अवयव परम्पराओं का विभाग करते-करते ऐसे किसी छोटे अंश में उस विभाग का अन्त होता है, जिसका कोई अंश नहीं होता।
|
| 20. | परमाणु की सिद्धि हेतु नैय्यायिक का कहना है कि सावयव द्रव्य के अवयव विभाग का अन्त कहीं मानना होगा, जहाँ वह माना जाएगा वहीं परमाणु है।
|