| 1. | सावयव कल्पना है, मजमून की पूरी बंदिश है।
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| 2. | सामाजिक समुदाय सावयव सत्ता की भांति होता है.
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| 3. | मनुष्य एक सावयव इकाई है अत:
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| 4. | मनुष्य एक सावयव इकाई है अत:
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| 5. | वह कोई गाणितिक जोड़ नहीं है, सावयव एकता है।
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| 6. | भिन्न-भिन्न प्रयत्नों से उच्चरित एक निरवयवस्फोट सावयव संदर्भो में मूर्त होता है.
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| 7. | यह सावयव शरीर नश्वर और भौतिक है अर्थात कललरस तथा उसके विकारों
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| 8. | निम्नांकित में किसने सावयव की तुलना समाज के साथ विकसित की?
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| 9. | क्योंकि सावयव वस्तुको ही भिगोकर उसके अन्गोंको पृथक्-पृथक् कर देनेमें जलकी सामर्थ्य है.
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| 10. | व्यक्त कार्य, अनित्य, अव्यापी, सक्रिय, अनेक आश्रित, सावयव परतंत्र तथा द्योतक (लिंग) है।
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