पट्टाभि सीतारामैया के शब्दों में, "स्वाधीनता दिवस जिस ढंग से मनाया गया उससे प्रकट हुआ कि ऊपर ऊपरदिखनेवाली शिथिलता और निराशा की तह में असीम भावना, उत्साह और स्वार्थत्याग की तैयारी दबी पड़ी थी.
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सावधान! आप कहीं उनके समक्ष विषयसुखों को आध्यात्मिक सुख से अधिक मोहक और सुखसुविधा एवं भोगविलास के जीवन को स्वकर्त्तव्य और स्वार्थत्याग के जीवन से अधिक आकर्षक रूप में प्रस्तुत न कर दें।
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आदि-काव्य रामायण में जब हम भगवान रामचन्द्र के प्रतिज्ञा-पालन, सत्यव्रताचरण और पितृभक्ति आदि की छटा देखते हैं, भारत के सर्वोच्च स्वार्थत्याग और सर्वांगपूर्ण सात्विक चरित्र का अलौकिक तेज देखते हैं, तब हमारा हृदय श्रद्धा, भक्ति और आश्चर्य से स्तम्भित हो जाता है.
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आदि-काव्य रामायण में जब हम भगवान रामचन्द्र के प्रतिज्ञा-पालन, सत्यव्रताचरण और पितृभक्ति आदि की छटा देखते हैं, भारत के सर्वोच्च स्वार्थत्याग और सर्वांगपूर्ण सात्विक चरित्र का अलौकिक तेज देखते हैं, तब हमारा हृदय श्रद्धा, भक्ति और आश्चर्य से स्तम्भित हो जाता है।
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आदि-काव्य रामायण में जब हम भगवान रामचन्द्र के प्रतिज्ञा-पालन, सत्यव्रताचरण और पितृभक्ति आदि की छटा देखते हैं, भारत के सर्वोच्च स्वार्थत्याग और सर्वांगपूर्ण सात्विक चरित्र का अलौकिक तेज देखते हैं, तब हमारा हृदय श्रद्धा, भक्ति और आश्चर्य से स्तम्भित हो जाता है।
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इन विभूतियोंका त्याग, बलिदान, देशभक्ति, स्वार्थत्याग, तपश्चर्या, साधना, सामाजिक प्रतिबद्धता, शौर्य, स्वाभिमान, मातृभूमिके लिए उनका सेवाव्रत, मानवता, इंद्रियोंपर विजय आदि गौरवपूर्ण गुणोंका स्मरण कर उन्हें आचरणमें लाकर हमें उज्ज्वल भविष्यका सृजन करना सहज संभव है ;