| 21. | यदि कर्तरी शुभ ग्रहों की हो तो “ शुभ कर्तरी ”, अन्यथा “ पाप कर्तरी योग ” होता है।
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| 22. | यदि कर्तरी शुभ ग्रहों की हो तो “ शुभ कर्तरी ”, अन्यथा “ पाप कर्तरी योग ” होता है।
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| 23. | यदि कर्तरी शुभ ग्रहों की हो तो “ शुभ कर्तरी ”, अन्यथा “ पाप कर्तरी योग ” होता है।
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| 24. | जन्म से 12 वें स्थान में वक्री पाप ग्रह और द्वितीय में मार्गी पाप ग्रह होने से कर्तरी दोष नहीं होता।
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| 25. | उत्तर: आपकी कुंण्डली में धनेश की द्वादश भाव में पाप कर्तरी में स्थिति आर्थिक क्षेत्र में परेशानी दे रही है।
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| 26. | ज्योतिषीय योगों में इस प्रकार से किन्ही दो ग्रहों के मध्य ग्रह आने की स्थिति को “ कर्तरी ” कहा जाता है।
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| 27. | कर्तरी दोष और उसका परिहार विवाह लग्न से भाव 2 या 12 में यदि पाप ग्रह हो तो कर्तरी दोष होता है।
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| 28. | कर्तरी दोष और उसका परिहार विवाह लग्न से भाव 2 या 12 में यदि पाप ग्रह हो तो कर्तरी दोष होता है।
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| 29. | सूर्य के दोनों तरफ प्राकृतिक शुभ ग्रह बुध एवं शुक्र के कारण पंचम भाव शुभ कर्तरी योग में और अधिक शुभ बन गया।
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| 30. | केंद्र या त्रिकोण में गुरु, शुक्र या बुध हो, या कर्तरीकारक ग्रह नीचस्थ अथवा शत्रुक्षेत्री हो, तो कर्तरी दोष होता है।
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