सामान्यतः जठरीय अस्तर दो क्षेत्रों में विभाजित होता है, एक बुध्न ग्रंथियों द्वारा अस्तरित अग्रवर्ती भाग, और जठरनिर्गमीय ग्रंथियों सहित पिछला भाग.
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सामान्यतः जठरीय अस्तर दो क्षेत्रों में विभाजित होता है, एक बुध्न ग्रंथियों द्वारा अस्तरित अग्रवर्ती भाग, और जठरनिर्गमीय ग्रंथियों सहित पिछला भाग.
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आंत्रिक अवशोषण के पहले विष का निष्क्रिय करने के लिए जठरीय वस्तिक्रिया अनिवार्य है, यदि तीव्र अम्ल या क्षार से विषाक्तता न हुई हो।
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आमाशय में तीन प्रकार की जठरीय ग्रंथियां मौजूद रहती हैं जिनसे जठर-रस (gastric juice) बनकर नलिकाओं द्वारा आमाशय में पहुंचता रहता है।
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आंत्रिक अवशोषण के पहले विष का निष्क्रिय करने के लिए जठरीय वस्तिक्रिया अनिवार्य है, यदि तीव्र अम्ल या क्षार से विषाक्तता न हुई हो।
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लगभग तीन वर्ष पूर्व, मैंने सक्रिय ध्यान को छः महीने के लिए किया| इसके बाद मुझे गॅस की दिक्कतें/ जठरीय समस्याएँ शुरू हो गयीं| कल मैने...
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आमाशय की न्यून वक्रता को दाईं जठरीय धमनी द्वारा कम आपूर्ति की जाती है, और बाईं जठरीय धमनी द्वारा ज़्यादा, जो हृदय क्षेत्र को भी आपूर्ति करती है.
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आमाशय की न्यून वक्रता को दाईं जठरीय धमनी द्वारा कम आपूर्ति की जाती है, और बाईं जठरीय धमनी द्वारा ज़्यादा, जो हृदय क्षेत्र को भी आपूर्ति करती है.
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जब कोई भावुकतावश अशांत या थकान अथवा तीव्र अवसाद से पीड़ित हो तो उसे कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह जठरीय पीड़ा में परिणित हो जाएगा।
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सक्रिय ध्यान और जठरीय रोग लगभग तीन वर्ष पूर्व, मैंने सक्रिय ध्यान को छः महीने के लिए किया| इसके बाद मुझे गॅस की दिक्कतें/ जठरीय समस्याएँ शुरू हो गयीं| कल मैने...