| 21. | उड़ जाती है आत्मा तज कर यह देह
|
| 22. | तज कविताई परम्परा कौ ज्ञान सहेजें पंकज ;
|
| 23. | जिस प्राणी ने अपना अहंकार तज दिया ।
|
| 24. | और कभी अनावश्यक समझ तज भी देते है।
|
| 25. | शठ की संगत कीजिए तज काम और धाम।
|
| 26. | आह्लादित / सागरों के ज्वार/ संयम तज रहे हैं
|
| 27. | वक्त हुआ लो उड़ चली, तज पीहर की डाल.
|
| 28. | तज दूंगा दुनिया, एक तेरे, संग जी लूंगा
|
| 29. | तज कुरीत, सबको बना अपना, दिल ले जीत।
|
| 30. | छाप-तिलक तज दीन्हीं रे तोसे नैना मिला के।
|