| 1. | कितने पंछी गेह सिधारे तज सौरभ की माया।
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| 2. | काला होना हो पसंद रंग तज निज गोरा
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| 3. | सेवा धर्म परायण होवे, तज कर आश पिशाची।
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| 4. | लोभ मोह मद दूर कर, तज दें माया-द्वेष.
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| 5. | तज दे देह से, हो जा अजर
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| 6. | पांडव-सम, तज के राजपाट, हिम-खंडों में गलना होगा
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| 7. | एक अरब काम तज देखें, बड़ा भयानक रोग.
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| 8. | अपना नामवरी अंदाज और ठाठ तज कर जाएँ।
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| 9. | तज बंदूकें लो पिचकारी तभी लगेगी दुनिया प्यारी
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| 10. | वन्दे इससे सीख ले, तज दे गर्व गुमान।।
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