(मामुपाश्रिताः) तभी वह इन बाधाओं को पारकर तद्रूपता (प्रभु के साथ एकाकार) को पाता है।
22.
प्राणों के साथ जैसे-जैसे तल्लीन होते जाते हैं वैसे-वैसे प्राणाधार परमेश्वर के साथ तद्रूपता या एकरूपता स्थापित हो जाती है।
23.
संयोजक सर्वत्र एजेंसियों और व्यवस्थाओं में शिशु मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देंगे और कार्यक्रम अनुरक्षण और तद्रूपता की सुरक्षा करेंगे।
24.
मनुष्य आज जैसा है, वह प्रकृति से अपनी तद्रूपता का नहीं, वरन् उससे अपने संघर्ष का परिणाम है ।
25.
संकल्प-पूर्ति के सुख की दासता और संकल्प-अपूर्ति का भय मिट जाने पर संकल्प उत्पत्ति-पूर्ति के जीवन से तद्रूपता नहीं रहती है।
26.
जब सेवा और प्रीति तो रहे, पर उसमें अहम् भाव की गंध न रहे तब अनंत के मंगलमय विधान से तद्रूपता होती है।
27.
सभी योग अंतिम स्थिति में पहुँचकर ध्यानयोग रूपी पराकाष्ठा में परिणित हो-अंतिम सत्य समाधि-तद्रूपता के मिलन संयोग तक पहुँचकर पूर्णता को प्राप्त होते हैं।
28.
इस युग के कवियों ने अपने ही नहीं समाज के प्रत्येक व्यक्ति के अभावों को समझा और नैतिक बंधनों को तोड़कर तद्रूपता के साथ व्यक्त किया.
29.
यह प्रकट तभी हो पाता है जब अज्ञान को (अविद्या को) परमात्मा के तत्त्वज्ञान द्वारा, उनकी तद्रूपता पाकर, उनकी शरण में जाकर नष्ट करने का प्रयास किया जाए।
30.
आत्मा नित्य मुक्त है, किन्तु मन अपनी ही क्षणिक तंरगों से तद्रूपता स्थापित कर आत्मा को अपने से ओझल कर देता है और देश, काल तथा निमित्त की भूलभुलैया-माया में खो जाता है ।