अब मुझे पहले से भी ज़्यादा विश्वास हो गया है कि यह तलवार की शक्ति न थी जिसने इस्लाम के लिए विश्व क्षेत्रा में विजय प्राप्त की, बल्कि यह इस्लाम के पैग़म्बर का अत्यन्त सादा जीवन, आपकी निःस्वार्थता, प्रतिज्ञा-पालन और निर्भयता थी, आपका अपने मित्रों और अनुयायियों से प्रेम करना और ईश्वर पर भरोसा रखना था।
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3. इस समुदाय के लोग यद्धपि विभिन्न देशों, राष्ट्रों और रंग व वंश से सम्बंध रखते हैं परन्तु इसके बावजूद अपने दूसरे मुसलमान भाईयों के साथ बड़े प्यार व प्रेम से रहते हैं और समस्त सरल या कठिन मैदानों में सच्चे दिल और निःस्वार्थता के साथ उनकी सहायता करते हैं और यह सब ईश्वर के इस आदेश पर अमल करते हुए इसे अंजाम देते हैं:
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-वे दोनों उनके लिए उनकी समझ बूझ के अनुसार पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की जीवनी, आपके युद्धों, सहाबा और सहाबियात रिज़वानुल्लाह अलैहिम की जीवनियों की व्याख्या करें, ताकि वे इन चयनित लोगों की मोहब्बत पर पले बढ़ें, उनके व्यवहार से प्रभावित हों, और अपने आप को सुधारने और अपने धर्म की सहायता व समर्थन के रास्ते में निःस्वार्थता और कार्य के लिए उत्सुक व उत्साहित हों।