संगीत स्थित सात स्वरों में मध्यम, धैवत, निषाद, वादीत्व या बहुत्व वाले राग वातज, विकार को दूर करते हैं।
22.
वह कहता है कि बुद्धि इसे उन घटनाओं पर अपनी ओर से लागू करती है, और निरे बहुत्व की व्यवस्था में बदल देती है।
23.
वह कहता है कि बुद्धि इसे उन घटनाओं पर अपनी ओर से लागू करती है, और निरे बहुत्व की व्यवस्था में बदल देती है।
24.
सर्वेश्वरवाद इस प्रवृत्ति को इसके चरम बिंदु तक ले जाता है और कहता है कि बहुत्व की वास्तविक सत्ता है ही नहीं, यह आभासमात्र है।
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वह कहता है कि बुद्धि इसे उन घटनाओं पर अपनी ओर से लागू करती है, और निरे बहुत्व की व्यवस्था में बदल देती है।
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सर्वेश्वरवाद इस प्रवृत्ति को इसके चरम बिंदु तक ले जाता है और कहता है कि बहुत्व की वास्तविक सत्ता है ही नहीं, यह आभासमात्र है।
27.
विज्ञान के लिए किसी घटना को समझने का अर्थ यही है उसे अन्य घटनाओं से संबद्ध किया जाए, अनुवेषण का लक्ष्य बहुत्व में एकत्व को देखना है।
28.
विज्ञान के लिए किसी घटना को समझने का अर्थ यही है उसे अन्य घटनाओं से संबद्ध किया जाए, अनुवेषण का लक्ष्य बहुत्व में एकत्व को देखना है।
29.
यदि एकत्व से बहुत्व ब्रह्ममेच्छा रही है तो निश्चय ही बहुत्व से एकत्व ;यानि भीड़ में अकेले रहने की विडंबनाद्ध ब्रह्ममेच्छा का विपर्यय है और इसलिए अशुभ है।
30.
यदि एकत्व से बहुत्व ब्रह्ममेच्छा रही है तो निश्चय ही बहुत्व से एकत्व ;यानि भीड़ में अकेले रहने की विडंबनाद्ध ब्रह्ममेच्छा का विपर्यय है और इसलिए अशुभ है।