| 21. | नवम अध्याय-प्रथम अध्याय की सामग्री अनुसार, श्लोक संख्या श्लोक संख्या 37 में 1 बेलफल 40 में गन्ना।
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| 22. | शिवजी को बिल्वपत्र, धतूरे का फूल, कनेर का फूल, बेलफल, भांग चढ़ाकर पूजन करें।
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| 23. | नवम अध्याय प्रथम अध्याय की सा मग्री अनुसार श्लोक संख्या श्लोक संख्या 37 में 1 बेलफल 40 में गन्ना।
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| 24. | इससे पेट साफ होता है, गर्मियों में जब तक बेलफल मिलते रहें, इस शर्बत का नियमित सेवन किया जा सकता है।
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| 25. | आँवले के बाद मार्च से बेलफल की आमद होने लगती है, जो पूरी गर्मी भर आपको तपन से राहत देते हैं।
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| 26. | उलटीः बेलफल के छिलके का 30 से 50 मि. ली. काढ़ा शहद मिलाकर पीने से त्रिदोषजन्य उलटी में आराम मिलता है।
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| 27. | बेलफल: बेलफल के गूदे को शकर में मिलाकर तीन दिन नियमित डेढ़ से 2 कप पीने से अतिसार में लाभ होता है।
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| 28. | बेलफल: बेलफल के गूदे को शकर में मिलाकर तीन दिन नियमित डेढ़ से 2 कप पीने से अतिसार में लाभ होता है।
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| 29. | बाजार में बेल का मुरब्बा, बेलफल का चूर्ण, पके हुए बेलफल का गुदा, बेल का कच्चा फल, बेल की जड़, पत्तियाँ बेल का शर्बत भी मिलता है।
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| 30. | बाजार में बेल का मुरब्बा, बेलफल का चूर्ण, पके हुए बेलफल का गुदा, बेल का कच्चा फल, बेल की जड़, पत्तियाँ बेल का शर्बत भी मिलता है।
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