| 21. | बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें।
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| 22. | क्योंकि भ्रूमध्य का स्थान दर्शनीय है, स्थूल है, दिखता है, महसूस भी होता है।
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| 23. | इसके बाद ऊर्जा-पुँज हृदय में और फिर भ्रूमध्य (दोनों भौंहों के बीच) में आकर रुकेगी।
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| 24. | भ्रूमध्य में सर्वपातक-नाशक, आत्मबल-वर्धक, आत्मज्ञान का प्रकाश करने वाले ॐ का ध्यान करते जाओ।
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| 25. | इस धारणा के अंतर्गत कण्ठकूप और भ्रूमध्य में अपना ध्यान लगाकर श्वास को अंदर रोककर रखें।
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| 26. | इसलिए तंत्र में, योग में जब आप धारणा करते हैं तो भ्रूमध्य की धारणा कर सकते हैं।
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| 27. | लेकिन कठिन है तो जीभ तालू में लगा दो और भ्रूमध्य में ॐ को या गं...
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| 28. | पद्मासन में बैठकर तर्जनी और मध्यमा उँगलियों को भ्रूमध्य (दोनों भौंहों के बीच) पर रखेंगे।
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| 29. | इसके बाद ऊर्जा-पुँज हृदय में और फिर भ्रूमध्य (दोनों भौंहों के बीच) में आकर रुकेगी।
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| 30. | लेकिन कठिन है तो जीभ तालू में लगा दो और भ्रूमध्य में ॐ को या गं...
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