मदुर, अम्ल, और लवण ये वायु (वात) को शांत करते हैं, कषाय और तिक्त ये पित्त को शांत करते हैं, कषाय, कटु और तिक्त ये कफ का शमन करते हैं.
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मदुर की कहानी शुरु होती है-इस बात से कि कैसे स्पोर्ट्स वर्ल्ड में काम करने के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम को कवर करते-करते वो इतना मशगूल हो गए कि पता ही नहीं चला कि बाप-बेटे के बीच एक अंजान सी दीवार खड़ी हो गई।
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डंडी के पिछले हिस्से में पीतल से बनी ' सोंसी ' जुडी होती है! सोंसी के साथ पतली गोलाकार ' फिल्फिली ' भी लगी होती है जिसे नारियल की खोतली (कव्हर) से बनाया जाता है! मोहरी की मदुर आवाज का राज ताड़ दी सुखी पत्तियों में छुपा होता है!