| 21. | प्रश्न: मध्यस्थ-बल क्या है?उत्तर: सत्ता में भीगे रहने से मध्यांश में जो ताकत रहता है, उसी का नाम है मध्यस्थ-बल।
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| 22. | इनके बालों के अनुप्रस्थ परिच्छेद गोलाकार होते हैं और उनके मध्यांश या मज्जा का विभेद सरलता से किया जा सकता है।
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| 23. | यौगिकों में भाग लेने वाले परमाणुओं के मध्यांश मिल करके यौगिक का स्वरूप बनाए रखने के स्वरूप में मध्यस्थ-क्रिया करते हैं।
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| 24. | इनके बालों के अनुप्रस्थ परिच्छेद गोलाकार होते हैं और उनके मध्यांश या मज्जा का विभेद सरलता से किया जा सकता है।
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| 25. | प्रश्न: भ्रमित-मनुष्य में इस मध्यांश का क्या कार्य रूप होता है?उत्तर: भ्रमित मनुष्य में मध्यांश का कोई रोल ही नहीं है।
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| 26. | प्रश्न: भ्रमित-मनुष्य में इस मध्यांश का क्या कार्य रूप होता है?उत्तर: भ्रमित मनुष्य में मध्यांश का कोई रोल ही नहीं है।
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| 27. | जीवन का मध्यांश अनुभव के योग्य रहता ही है-इसलिए बुद्धि में बोध के बाद आत्मा अनुभव करता ही है।
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| 28. | मध्यस्थ-बल के आधार पर ही चुम्बकीय बल है-जिससे मध्यांश द्वारा परिवेशीय अंशों को स्वयं-स्फूर्त विधि से नियंत्रित करना बनता है।
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| 29. | प्रश्न: तो सम, विषम और मध्यस्थ क्रिया क्या है?उत्तर: हरेक जड़ और चैतन्य परमाणु का मध्यांश जो रहता है, वह मध्यस्थ-क्रिया करता है।
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| 30. | १. उरोस्थिंकठिका (sternohyoid), २. अंसकंठिका (omohyoid) का ऊर्ध्व मध्यांश, ३. अवटुकंठिका (thyrohyoid), ४. द्वितुंदी (digastric) का अग्र मध्यांश, ५. चिबुककंठिया (mylohyoid), ६. कठिका जिह्विका (hyoglossus), ७. शरकंठिका (stylohyoid), ८. चर्वणी (masseter), ९. द्वितुंदी का पश्च मध्यांश, १०. पट्टिका-शिरस्या (splenius capitis), ११. उर: कर्णमूलिका (sternocleidomastoid), १२. अंसफलक उन्नायक (levator scapulae), १३. पश्च विषमा (scalenus posterior), १४. मध्य विषमा (medius), १५. पूर्व विषमा (anterior), १६. पृष्ठच्छदा (trapezins), १७. अंसकंठिका का निम्न मध्यांश तथा, १८. उर: कर्णमूलिका।
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