भरत ने लिखा है कि एक द्वार नेपथ्यगृह और रंगशीर्ष के बीच में हो जिसमें से होकर रंगपीठ पर अभिनेताओं का प्रवेश हो और दूसरा द्वार प्रेक्षागृह में जनता के प्रवेश के लिए रंगमंच के सामने की ओर हो।
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मदनमोहन मालवीय जी की प्रेरणा से काशी में अभिनव रंगशाला की स्थापना हुई और उसका पेटिका रंगमंच (बॉक्स स्टेज्) बनाया गया जिसमें रंगपीठ (ऐÏक्टग स्पेस) के तीन ओर और ऊपर नीले रंग के तिपल्ली लकड़ी के पर्दें लगे हुए थे।
23.
रंगपीठ के पीछे रंगशीर्ष पर, रंगपीठ से लगभग डेढ़ हाथ ऊँचाई पर, चार खंभों की मथवारी या अंवारी बनानी चाहिए और रंगपीठ तथा पथवारी दोनों पर समान ऊँचाई का रंगमंडप बनाना चाहिए जिसे माला, वस्त्र, गंधपदार्थ और अनेक प्रकार के रंगों से सजाना चाहिए।
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रंगपीठ के पीछे रंगशीर्ष पर, रंगपीठ से लगभग डेढ़ हाथ ऊँचाई पर, चार खंभों की मथवारी या अंवारी बनानी चाहिए और रंगपीठ तथा पथवारी दोनों पर समान ऊँचाई का रंगमंडप बनाना चाहिए जिसे माला, वस्त्र, गंधपदार्थ और अनेक प्रकार के रंगों से सजाना चाहिए।
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रंगपीठ के पीछे रंगशीर्ष पर, रंगपीठ से लगभग डेढ़ हाथ ऊँचाई पर, चार खंभों की मथवारी या अंवारी बनानी चाहिए और रंगपीठ तथा पथवारी दोनों पर समान ऊँचाई का रंगमंडप बनाना चाहिए जिसे माला, वस्त्र, गंधपदार्थ और अनेक प्रकार के रंगों से सजाना चाहिए।