| 21. | रे विधना भारत हि दुखारी ।।
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| 22. | विधना पलक झपकाना भूल जाती है।
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| 23. | जो विधना ने जहाँ लिखा रे.
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| 24. | विधना ऐसी रैन कर, भोर कभी ना हो य..
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| 25. | ' ' विधना यह जिय जानिके, शेष ही दियो न कान
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| 26. | ‘हे विधना तोसों अँचरा पसारि माँगौ जनम जनम दीजो याही ब्रज बसिबो '
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| 27. | हा विधना … काहे को भया चटकामय यह सँसा र.. ”
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| 28. | वर्मा विधना के अईसन होनहार, सब पोंछें अंखिया से लोरवा!
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| 29. | ' हे विधना तोसों अँचरा पसारि माँगौ जनम जनम दीजो याही ब्रज बसिबो'
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| 30. | ये दुखियां सदा रोयो करैं विधना इन कों कबहूं न दियो सुख।
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