| 21. | नक़ाब उस शोख़ के मनह पर खला
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| 22. | हर सहर शोख़ की निगह की शराब
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| 23. | सहर की शोख़ बयारों की दास्तानों में
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| 24. | पहले की जैसे आज भी उस शोख़ ने किया
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| 25. | गी: चुन-चुन के शोख़ तारों को
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| 26. | वो मिरी शोख़-निगाही का असर आज की रात
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| 27. | लेकिन उस शोख़ के आहिस्ता से खुलते हुए होंठ
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| 28. | *** शोख़ बोलियाँ हवा में ठुनकतीं बुलबुल की ।
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| 29. | अरी ओ शोख़ कलियो मुस्कुरा देना वो जब आये
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| 30. | ये ज़ंग और ये मेरे वतन के शोख़ जवाँ
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