| 31. | लौ को छोटी, बड़ी, पतली या मोटी बनाने के लिए विभिन्न नापों के जेट फुँकनी पर अदल बदलकर लगाए जाते हैं।
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| 32. | अग्निजात गुण आदि: फुँकनी के सम्मुख कैल्साइट और डोलोमाइट के सदृश्यठंडे एसिडों द्वारा किंचित् प्रभावित होने के अतिरिक्त परवर्ती के समानहोता है.
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| 33. | अग्निजात गुण आदि: फुँकनी के सम्मुख धूसर, भूरा और कृष्ण मेंपरि-~ वर्तित होता है, तथा तेजी से कड़कड़ाता है पर गलनीय है.
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| 34. | कुछ क्रिस्टल तो फुँकनी (blow pipe) की लौ में ही गलनीय हैं, और कुछ उसमें नहीं गल पाते हैं।
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| 35. | फुँकनी द्वारा तप्त काच को फूँकने की क्रिया मानव का एक महान् आविष्कार था और इसका श्रेय भी फ़ीनीशियावासियों को ही है।
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| 36. | फुँकनी द्वारा तप्त काच को फूँकने की क्रिया मानव का एक महान् आविष्कार था और इसका श्रेय भी फ़ीनीशियावासियों को ही है।
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| 37. | की आकृति क में फुँकनी के मुँह पर लगनेवाली एक छुच्छी की बनावट दिखाई गई है और ख में लौ की आकृति है।
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| 38. | की आकृति क में फुँकनी के मुँह पर लगनेवाली एक छुच्छी की बनावट दिखाई गई है और ख में लौ की आकृति है।
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| 39. | काच नली के निर्माण के लिए संगृहीत काच में फुँकनी द्वारा मुख से फुँकने पर स्थूल दीवार का पोला बेलन बन जाता है।
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| 40. | काच नली के निर्माण के लिए संगृहीत काच में फुँकनी द्वारा मुख से फुँकने पर स्थूल दीवार का पोला बेलन बन जाता है।
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