| 31. | (गीता १२-२०) विषयासक्ति में पड़े हुए भोगों को लगातार भोगने वाले नर्क में जाते हैं ।
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| 32. | जब तक विषयासक्ति तथा स्वार्थपरायणता बनी रहती है तब तक विचार का उदय कदापि नहीं हो सकता।
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| 33. | विषयासक्ति मनुष्य को अंधा बना देती है और भगवान की आसक्ति मनुष्य को महापुरुष बना देती है।
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| 34. | ज्यों-ज्यों आयु और विषयासक्ति के फलस्वरूप उसकी दृष्टि क्रमशः घटने लगी, त्यों-त्यों यह कठिनाई अधिकाधिक बढ़ती गई।
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| 35. | (३. ४ १) इंद्रियों की विषयासक्ति को ज्ञान-विज्ञान का नाशकर्ता बताया है ।
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| 36. | यदि विषयासक्ति रहे तो संन्यास लेने पर भी कुछ नहीं होता-जैसे थूक को फेंककर फिर चाट लेना।
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| 37. | विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं होती है “हार” हर हाल में पिशाच विषयासक्ति की “नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिताः”
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| 38. | इस प्रकार के साधक आत्मज्ञान के मार्ग का अनुसरण नहीं करते क्योंकि वे साधना के उपक्रम को विषयासक्ति ही मानते हैं।
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| 39. | (गीता १ २-२ ०) विषयासक्ति में पड़े हुए भोगों को लगातार भोगने वाले नर्क में जाते हैं ।।
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| 40. | स्वाध्याय के अभाव में मन की न जड़ता जाती है न संकीर्णता, गन्दगी, मूढ़ता एवं विषयासक्ति से छुटकारा मिलता है।
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