| 31. | दिल वो नादान शोख़ बच्चा है
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| 32. | तू शोख़ कली मैं मस्त पवन तू शम्म-ए-वफ़ा मैं परवाना
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| 33. | शोख़ चितकबरी ग़ज़ल ले कर ' यक़ीन'
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| 34. | इसरार भाई बचपन से शोख़ व शरीर और ज़हीन थे।
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| 35. | आख़िर उस शोख़ के तरकश में कोई तीर भी था
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| 36. | शोख़ लम्हों का पता देने लगीं
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| 37. | ४) शोख़ नज़र की बिजलियाँ-वो कौन थी
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| 38. | इस शोख़ को मैं क्या कहूँ
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| 39. | कुछ लचके शोख़ कमर पतली, कुछ हाथ चले, कुछ तन फड़के,
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| 40. | मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात
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