पदविन्यास में तथा कहींकहीं वाक्यों के बीच विरामस्थलों पर भी, अनुप्रास देख इंशा और लल्लूलाल का स्मरण होता है।
42.
पर जैसा कहा जा चुका है, पदविन्यास की प्रौढ़ता और भाषा का सौष्ठव गोस्वामी जी के मेल का है।
43.
' भाषा अनुप्रासमयी और चुहचुहाती हुई होने पर भी उनका पदविन्यास व्यर्थ के आडंबर के रूप में नहीं होता था।
44.
अंग संचालन, पदविन्यास एवं लयात्मक गतियों का जो आकर्षक रूप इस नृत्य शैली में दिखता है, वह अद्भुत है।
45.
आप शब्द-प्रतिशब्द के अनुवाद को उचित मानते थे, यहाँ तक कि विभक्ति प्रयोग और पदविन्यास भी संस्कृत की पद्धति पर ही रहते थे।
46.
अत: बंगभाषा की ओर जो झुकाव रहा उसके प्रभाव से बहुत ही परिमार्जित और सुंदर संस्कृत पदविन्यास की परंपरा हिन्दी में आई, यह स्वीकार करना पड़ता है।
47.
यद्यपि इन अन्योक्तियों के भाव अधिकांश संस्कृत से लिये हुए हैं, पर भाषा शैली की सरसता और पदविन्यास की मनोहरता के विचार से वे स्वतंत्र काव्य के रूप में हैं।
48.
यद्यपि इन अन्योक्तियों के भाव अधिकांश संस्कृत से लिये हुए हैं, पर भाषा शैली की सरसता और पदविन्यास की मनोहरता के विचार से वे स्वतंत्र काव्य के रूप में हैं।
49.
अच्छी स्मरण-शक्ति रखनेवाला व्यक्ति-और मार्क्स की स्मरण-शक्ति इतनी अद्भुत थी कि उन्हें कभी कुछ नहीं भूलता था-शीघ्र ही शब्द-भण्डार और पदविन्यास संचित कर लेता है।
50.
उपाधयायजी का संस्कृत पदविन्यास अनेक उपसर्गों से लदा तथा ' मंजु ', ' मंजुल ', ' पेशल ' आदि से बीच बीच में जटिल अर्थात् चुना हुआ होता है।