| 41. | बक्रेश्वर: बीरभूम, पश्चिम बंगाल के पापहर नदी से सात किलोमीटर दूर स्थित इस शक्तिपीठ में सती का भ्रूमध्य गिरा था।
|
| 42. | अगर भौतिक स्पर्श करें तो हम भ्रूमध्य के स्थान को तो छू सकते हैं, पर आज्ञा चक्र में स्पर्श नहीं कर सकते।
|
| 43. | गुरु, गोबिन्द, भगवान जो भी रूप प्यारा लगे उसको देर तक एकटक निहारते-निहारते आँखें बन्द करके भ्रूमध्य में उसी रूप को देखा जाये।
|
| 44. | खोपड़ी की चौड़ाई कानों के ठीक ऊपर मापी जाती है और लंबाई भ्रूमध्य (glabella) से लेकर पश्चकपाल के उदग्र बिंदु तक मापी जाती है।
|
| 45. | गुरु, गोबिन्द, भगवान जो भी रूप प्यारा लगे उसको देर तक एकटक निहारते-निहारते आँखें बन्द करके भ्रूमध्य में उसी रूप को देखा जाये।
|
| 46. | यही वास्तविक गंगा जमुना सरस्वती है नाक छिद्र से इनकी धाराओं का प्रवाहन होता है और भ्रूमध्य में इनके मिलन को वास्तविक कुम्भस्नान कहते हैं..
|
| 47. | भ्रूमध्य में नहीं, मूलाधार में नहीं, मध्यनाड़ी में नहीं, शिव कहते हैं-हृदय में ध्यान करने से योगी शून्य में प्रवेश करता है।
|
| 48. | भ्रूमध्य में नहीं, मूलाधार में नहीं, मध्यनाड़ी में नहीं, शिव कहते हैं-हृदय में ध्यान करने से योगी शून्य में प्रवेश करता है।
|
| 49. | भ्रूमध्य पर मन को ले जाते ही चित्त अपने आप एकाग्र हो गया और उसी समय मातुलीमाया की उँगली को अपनी नाभि में धँसने का अनुभव किया मैंने।
|
| 50. | त्राटक के मध्य जब पारदेश्वर का बिम्ब त्रिकुट या भ्रूमध्य मे बनता है तो अंदर जाती श्वास के साथ ही उस बिम्ब को अपने मूलाधार तक लाया जाता है.
|