| 41. | प्रत्यक्षीकरण में नहीं उससे अलग विचित्र या रमणीय रूपविधान में है।
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| 42. | डमतमकपजीद्ध आदि में उसी ढंग का सूक्ष्म प्रतिनिरीक्षण और मनोरम रूपविधान
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| 43. | प्रकार प्रत्यक्ष रूपविधान से कल्पित रूपविधान को असम्बद्ध घोषित करने की
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| 44. | प्रकार प्रत्यक्ष रूपविधान से कल्पित रूपविधान को असम्बद्ध घोषित करने की
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| 45. | पार्थिव जगत् का कुछ अनूठा रूपविधान (रूपक) सामने आ जाता है।
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| 46. | प्रस्तुत पक्ष का रूपविधान भी कवि की प्रतिभा द्वारा ही होता है।
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| 47. | वस्तु की अपेक्षा रूपविधान के प्रति उनमें अधिक सजगता दृष्टिगोचर होती है।
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| 48. | कविकर्म का निरूपण करनेवालों का ध्यान रूपविधान के कल्पना पक्ष पर ही
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| 49. | रूपविधान होता है जिसका उसी प्रकार कल्पना द्वारा स्पष्ट ग्रहण वांछित होता
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| 50. | हमें यहाँ अप्रस्तुत रूपविधान पर कुछ विचार करना है जो काव्य में
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