| 1. | अपने मन में स्पष्ट रूपविधान नहीं कर सकते।
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| 2. | वस्तुतः निबन्ध गद्य का अत्यन्त सशक्त रूपविधान है।
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| 3. | वह उपलब्ध ढांचे से अनुकूलित रूपविधान के भीतर
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| 4. | ' विश्रांतस्सन् ब्रज वननदीतीर जातानि सिंचन्' इत्यादि प्रस्तुत रूपविधान
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| 5. | वस्तुतः निबन्ध गद्य का अत्यन्त सशक्त रूपविधान है।
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| 6. | रूपविधान में ही प्रतिभा या कल्पना का प्रयोग।
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| 7. | और जो कुछ रूपविधान होगा वह अप्रस्तुत होगा।
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| 8. | प्रत्यक्ष अनुभव किए हुए बाहरी रूपविधान ।
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| 9. | अनुकूल रूपविधान में तत्पर करती है-दस-पाँच ही होते हैं।
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| 10. | जो अप्रस्तुत रूपविधान या उपमानों की योजना में ही
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