| 41. | अर्थात “वह शोख़ अपने सौन्दर्य पर गर्व कर रहा है ।
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| 42. | शोख़ चितकबरी ग़ज़ल ले कर ' यक़ीन'तितलियों के दिल जलाने आ गए
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| 43. | मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात
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| 44. | इसकी शोख़ धुन तब भी ग़ज़ब करती थी और आज भी।
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| 45. | कुछ लचकें शोख़ कमर पतली, कुछ हाथ चले, कुछ तन फड़के।
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| 46. | वह शोख़ रंगीला जब आया, यां होली की कर तैयारी।
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| 47. | मेरे शाने पे है उस शोख़ का सर आज की रात
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| 48. | मेरा दिल धड़कता है आजकल तेरी शोख़ नज़रों से पूछ कर-२
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| 49. | उनकी शोख़ चाल भी इस क्षण सर्द चाल में बदल गई थी।
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| 50. | तश्ना नज़रें मिलीं शोख़ नज़रों से जबमय बरसने लगी जाम भरने लगा।
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